[2023] How To Start Stone Crusher Business In Hindi?

पत्थर बेचकर अगर अब पैसा कमाना चाहते हैं तो इंडिया जैसे डेवलपिंग कंट्री में इसका बहुत बड़ा स्कोप है इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन साइट रियल स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट से जैसे कई बड़े सेक्टर्स है जहां पर ट्रस्ट स्टोंस की सप्लाई होती है और स्टोन क्रशिंग प्लांट लगाकर आप भी शुरू कर सकते हैं तो बड़े साइज के पत्थर सड़क बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले मीडियम साइज कंस्ट्रक्शन साइट पर बिल्डिंग मैटेरियल यूज होने वाले पकड़े जाते हैं और ठेकेदारों को स्टेट बिजनेस करने वालों कोयह सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट अथॉरिटी स्कोर जरूरत के हिसाब से सप्लाई किया जाता है चलिए जानते हैं स्पेस को और भी करीब से.

How To Start Marble Business In Hindi
How To Start Stone Crusher Business In Hindi?

How To Start Stone Crusher Business In Hindi?

स्टोन क्रशिंग एक ऐसा सेक्टर है जिसकी जरूरत पूरी दुनिया में है क्योंकि इनके बिना कंस्ट्रक्शन का काम चाहे ब्रिज बनाना हो सड़क बना ले बिल्डिंग्स वगैरह बताना मुश्किल है इनके अलावा भी क्रशड इसकी डिमांड सीमेंट फैक्ट्री में बहुत ज्यादा होती है स्टोन के साथ साथ क्रशड पत्थरों से निकले पाउडर को सीमेंट बनाने के काम में लिया जाता है पिछले 10 सालों से इस इंडस्ट्री की ग्रोथ 7-8% की रेट से हो रही है क्रशड स्टोंस की जरूरत इसीलिए भी ज्यादा है क्योंकि इंडिया डेवलप्ड कंट्री बनाने के लिए हैवी कंस्ट्रक्शंस करने की जरूरत है इसके अलावा भी आए दिन यहां पर रेल और रोड नेटवर्क भी बढ़ाए जा रहे हैं

कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए ब्रिज बनाए जा रहे हैं इनके अलावा भी यहां पर नेचुरल डिजास्टर आते रहते हैं जिसके बाद चीजों को दोबारा से पहले जैसा बनाने में भी कंस्ट्रक्शन करना पड़ता है इसी वजह से स्टोन क्रशिंग का व्रत को करता ही रहा है अब को खड़ा करने के लिए आपको क्या-क्या करना पड़ेगा और किन-किन चीजों की जरूरत पड़ेगी तो हमेशा की तरह आपको डिटेल में बताएंगे.

Investment

पहले बात कर लेते हैं इन्वेस्टमेंट की क्योंकि यह एक प्लांट है इसलिए इसे खड़ा करने में कम से कम तीन से चार करोड़ रुपए की जरूरत तो पड़ेगी ही क्योंकि स्टोन क्रशर के लिए हैवी इक्विपमेंट्स और मशीन की जरूरत पड़ेगी तो काफी महंगे आते हैं इसके बाद आपको प्लांट सेटअप करने के लिए काफी बड़ा जगह चाहिए होगा फिर जरूरत पड़ेगी मैन पावर की क्योंकि रॉ मैटेरियल्स को मैनेज करने के लिए मशीन को ऑपरेट करने के लिए साइट के सिक्योरिटी के लिए साफ-सफाई के लिए ऑफिस मैनेज करने के लिए लोगों को तो काम पर रखना ही पड़ेगा साथ ही अगर अब रॉ मटीरियल को डिलीवर करने के लिए अपना खुद का व्हीकल रखते हैं तो उसमें काफी खर्च आएगा कि ट्रक डंपर बगैरा 25 से 30 लाख के आते हैं अगर आपके पास तीन से चार करोड़ का कैपिटल मौजूद है तो बहुत अच्छी बात है नहीं तो आप बिजनेस लोन अप्लाई कर सकते हैं

Machinery

उसके बाद बात जब प्लांट सेट करने की आएगी तो सबसे जरूरी चीज है मशीनरी एक स्टोन क्रशिंग प्लांट के लिए स्टोन क्रशर, ग्रिजली फीडर, वाइब्रेटिंग स्क्रीन सेपरेटर, मेटल डिटेक्टर इत्यादि मशीनों की जरूरत पड़ेगी इनको खरीदने के बाद इन सब को प्लांट्स लाने के लिए और सेटअप करने के लिए आपको कुछ अच्छे मशीन मैन्युफैक्चरर्स और सप्लायर्स ढूंढने पड़ेंगे तो पूरे देश में कुछ ऐसे मशीन सप्लायर से आप मशीन ऑर्डर कर सकते हैं जिसे कामधेनू एग्रो मशीनरी वाडोडा नागपुर महाराष्ट्र, फ्यूचर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड जो नरोडा अहमदाबाद में है, और दुख ग्लोबल फार्मा इक्विपमेंट वसई महाराष्ट्र इनसे आप कांटेक्ट कर सकते हैं सौदा करते हुए आप यह भी पता कर ली कि जिनसे आप मशीन खरीद रहे हैं वह लोग ही प्लांट लगाकर थे और इसके लिए कोई चार्ज ना लगे वैसी कंपनी की पॉलिसी पर डिपेंड करेगा साथ ही साथ कोशिश कीजिएगा कि शॉपिंग का खर्चा बचाया जा सके.

Raw Material

स्टोन क्रशिंग प्लांट चलाने के लिए आपको क्वेरी स्टोंस की जरूरत पड़ेगी क्वेरी स्टोर्स मतलब खदान के पत्थर प्लांट पर 35 एमएम 20 एमएम 12 एमएम के अलग-अलग साइज में तोड़ा जाता है सभी तरह के कंस्ट्रक्शन साइट्स पर बिल्डिंग मटेरियल से इस्तेमाल करने के लिए रेलवे के लिए और सड़क बनाने के लिए ज्यादातर यही पत्थर यूज़ होते हैं क्योंकि उनकी बनावट बहुत मजबूत होती है और इसलिए इनकी लाइफ लाइन भी बेहतर होती है तो आपको रो मटेरियल सप्लायर की भी तलाश करनी होगी जो आपको सही रेट पर सप्लाई दे सके और आप माल बेचकर मुनाफा कमा सके. वैसे इंडिया के लगभग सभी राज्यों में आपको खदान के पत्थर सप्लाई करने वाले मिल जाएंगे.

How Stone Crushing Plant Works

अब जरा यह भी समझ लेते हैं कि किस स्टोन क्रशिंग प्लांट काम कैसे करता है तो सबसे पहले रो मटेरियल स्कोर प्लांट में लाया जाता है और पत्थरों को स्टोन क्रशिंग मशीन में डाला जाता है जो बड़े-बड़े पत्थरों को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है इसके बदले सेकेंडरी कृषि मशीन में डाला जाता है ताकि शायद और भी छोटे हो जाए इसके बाद पत्थरों की सफाई करके वाइब्रेटिंग स्क्रीन सेपरेटर से गुजारा जाता है ताकि मिट्टी बहुत ज्यादा छोटे टुकड़े और गंदगी साफ हो जाए प्लांट पर मेटल डिटेक्टर मशीन का काम होता है रो मटेरियल के साथ आए मेटल के टुकड़ों को मशीन में जाने से रोकता क्योंकि ऐसा होने पर मशीन को नुकसान हो सकता है और फाइनली क्रस्ट स्टोन को गाड़ियों में डालकर बायस तक गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स और दूसरी कंस्ट्रक्शन साइट पर भेज दिया जाता है

Market Potential

अब जरा इस पर भी नजर डाल लेते हैं कि स्टोन क्रशिंग इंडस्ट्री की मार्किट पोटेंशियल कितनी है बात ऐसी है कि इंडिया में तो यह इंडस्ट्री जो मैटेरियल सप्लाई करती है उसको रोड हाईवे बृजेश बिल्डिंग्स और कैलाश बनाने में ज्यादा यूज किया जाता है अंदाजा लगाया गया है कि भारत में लगभग 12000 स्टोन क्रशर यूनिट मौजूद है साथ ही इस इंडस्ट्री ने लगभग 500000 लोगों को रोजगार दिया है जो माइनिंग क्रशिंग प्लांट ट्रांसपोर्टेशन जैसे कामों से जुड़े हुए हैं इंडिया में यह इंडस्ट्री साल के 5000 करोड़ का कारोबार करती है तो आप यह समझ लीजिए कि यहां से मुनाफा निकलना कोई बड़ी बात नहीं है

अगर क्रशड टोंस को आप बेचने जाएं तो ₹675 से लेकर ₹850 तक का भाव आपको मिल सकता है तो इस बिज़नेस में 20 से 25 परसेंट का मार्जिन तो आराम से कमाया जा सकता है अब अगर आप सोच रहे हैं कि क्या इनका एक्सपोर्ट इंपोर्ट में होता है तो इसका जवाब है हां आप क्रिस्टल स्टोन स्कोर इंडिया से बाहर भी सपोर्ट कर सकते हैं जैसे कि बांग्लादेश की भौगोलिक क्योंकि बांग्लादेश की बनावट ऐसी हुई है जहां पर पहाड़ बहुत कम है इसलिए वहां पर खदान के पत्थर चट्टान और दूसरे पत्थर बहुत ही कम मिलते हैं जिन्हें कंस्ट्रक्शन साइट्स रोड बनाने में सीमेंट फैक्ट्री में क्या रेलवे नेटवर्क में यूज किया जा सके लिए पश्चिम बंगाल से भारी मात्रा में ऐसे पत्थर बोल्डर और क्रस्ट स्टोन स्कोर बाय रोड एक्सपोर्ट किया जाता है

License

जहां तक बात है इस बिजनेस को करने के लिए जरूरी लाइसेंस की तो आजकल हर तरह का पसंद करने के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन सबसे कॉमन हो गया है उसके बाद आपको लोकल अथॉरिटी ग्राम पंचायत या नगर निगम से एनओसी लेनी पड़ेगी और पोलूशन कंट्रोल बोर्ड सेबी प्लांट सेटअप करने के लिए एनओसी की जरूरत होगी इसके अलावा भी मिनिस्ट्री ऑफ लेबर एंड एंप्लॉयमेंट सिटी आपको परमिशन की जरूरत पड़ सकती है क्योंकि आपकी कंस्ट्रक्शन साइट्स पर लोग काम करेंगे तो उनकी सेफ्टी के समय दारी भी तो आप ही की होगी है ना शादी प्लांट होने के चलते आपको फायर डिपार्टमेंट से भी एनओसी ले लेनी चाहिए

फैक्ट्री में जब काम शुरू होगा तो पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचेगा मतलब केमिकल्स धूल मिट्टी निकलेगी इसके लिए भी आपको फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से जरूरी डाक्यूमेंट्स बनवाने पढ़ सकते हैं सबसे बेहतर होगा कि आप अपना खुद का प्लांट शुरू करने से पहले अपने ही राज्य में वेल एस्टाब्लिशड किसी भी प्लांट में चले जाएं और वहां से जरूरी जानकारी लेकर आए

इसके अलावा भी आप इंस्टीट्यूट फॉर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट से कांटेक्ट कर सकते हैं या उनकी वेबसाइट www.iid.org.in पर सेट कर सकते हैं iid गोवेर्मेंट ऑफ़ इंडिया मिनिस्ट्री ऑफ़ माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज से एसोसिएटेड है तो इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आप को किसी डिग्री की जरूरत तो नहीं पड़ेगी पर जिनके पास केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री है वह बड़ी आसानी से इस काम को शुरू कर सकते हैं या फिर कोई बिजनेस ओनर चाहे तो अपने वॉइस को बेहतर ट्रेनिंग भी दिलवा सकते हैं इसके लिए अब एमआईटी कॉलेज ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग पुणे और अहमदाबाद में एलईडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल से भी कर सकते हैं

Conclusion:
तो हम उम्मीद करते हैं कि हमारी इस आर्टिकल से आप की जानकारी काफी बढ़ रही है और इस आर्टिकल से स्टोन क्रशिंग मैसेज को खड़ा करने और इसमें आगे बढ़ने की पूरी नॉलेज आपको मिल चुकी होगी. तो ऐसी के साथ ही आर्टिकल यहीं पर समाप्त होता है हम आपको मिलेंगे किसी दूसरे आर्टिकल में तब तक के लिए धन्यवाद.

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